
1. परिचय: CIBIL स्कोर क्यों मायने रखता है?
राहुल एक 28 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने अपना पहला होम लोन लेने की कोशिश की, लेकिन बैंक ने उसका आवेदन रिजेक्ट कर दिया। कारण? उसका CIBIL स्कोर 650 था। राहुल की तरह, हज़ारों लोगों को लोन या क्रेडिट कार्ड न मिलने की वजह सिर्फ खराब CIBIL स्कोर होता है।
- CIBIL स्कोर 750+ होने पर लोन आसानी से मिलता है, ब्याज दर कम लगती है।
- 600-700 स्कोर वालों को लोन मिलने में दिक्कत + हाई इंटरेस्ट।
- 600 से नीचे? ज्यादातर बैंक लोन देने से मना कर देते हैं।
इस ब्लॉग में, आप जानेंगे:
- CIBIL स्कोर कैसे काम करता है?
- लोन लेने या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने से स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
- 5 आसान स्टेप्स जो 6-12 महीने में आपका स्कोर 600 से 750+ कर देंगे!
2. CIBIL स्कोर कैसे काम करता है? समझें Basics
CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। यह आपकी “फाइनेंशियल साख” (Creditworthiness) दिखाता है। इसे 4 चीजों से कैलकुलेट किया जाता है:
क) पेमेंट हिस्ट्री (35% वजन)
- अच्छा स्कोर: अगर आपने पिछले सभी लोन EMI या क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाए हैं।
- खराब स्कोर: EMI मिस करने या लेट पेमेंट करने पर स्कोर गिरता है।
- उदाहरण: अगर आपने पिछले 6 महीने में 2 बार क्रेडिट कार्ड बिल लेट भरा, तो स्कोर 700 → 650 हो सकता है।
ख) क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (30% वजन)
- सही तरीका: अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से कम इस्तेमाल करें।
- गलती: अगर ₹1 लाख के क्रेडिट कार्ड पर ₹80,000 उधार लेते हैं, तो यूटिलाइजेशन 80% होगा → स्कोर गिरेगा।
ग) क्रेडिट मिक्स (15% वजन)
- अच्छा मिक्स: अलग-अलग तरह के लोन (होम लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) का संतुलन।
- खराब मिक्स: सिर्फ क्रेडिट कार्ड या सिर्फ लोन पर निर्भरता → स्कोर कमजोर।
घ) नए क्रेडिट इन्क्वायरी (10-20% वजन)
- समस्या: अगर आप 3-4 बैंकों में लगातार लोन/कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो हर बार CIBIL इन्क्वायरी होती है → स्कोर -5 अंक हर बार।
- टिप: एक साल में 2-3 से ज्यादा बार अप्लाई न करें।
3. लोन लेने से CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
अ) लोन लेने के फायदे (अगर सही तरीके से लिया जाए)
- उदाहरण: प्रिया ने ₹5 लाख का पर्सनल लोन लिया और 12 महीने तक EMI समय पर भरी।
- रिजल्ट: उसका स्कोर 650 → 710 हो गया (क्योंकि उसकी पेमेंट हिस्ट्री अच्छी थी)।
- कैसे? लोन लेकर EMI भरने से “क्रेडिट मिक्स” और “पेमेंट हिस्ट्री” इम्प्रूव होते हैं।
ब) लोन लेने के नुकसान (गलतियाँ करने पर)
- उदाहरण: राजेश ने ₹10 लाख का लोन लिया, लेकिन 3 EMI मिस कर दी।
- रिजल्ट: स्कोर 680 → 620 (हर मिस्ड पेमेंट पर -20 अंक)।
- समस्या: बैंक ने उसका लोन डिफॉल्ट घोषित कर दिया → स्कोर और गिरा।
- सबक: लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेट करें और केवल उतना ही लोन लें जितना चुका सकें।
4. CIBIL स्कोर 650 से नीचे क्यों गिर जाता है? 3 कॉमन गलतियाँ
गलती 1: क्रेडिट कार्ड बिल का मिनिमम अमाउंट भरना
- क्या होता है?
- मान लीजिए, आपका क्रेडिट कार्ड बिल ₹20,000 है, और आप ₹2,000 (मिनिमम अमाउंट) भरते हैं।
- बाकी ₹18,000 पर 3% महीने का ब्याज (सालाना 36%) लगेगा।
- CIBIL इफेक्ट: “क्रेडिट यूटिलाइजेशन” बढ़ेगा → स्कोर गिरेगा।
गलती 2: लोन के लिए बार-बार अप्लाई करना
- क्या होता है?
- हर बार लोन अप्लाई करने पर बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट चेक करता है → “हार्ड इन्क्वायरी” होती है।
- हर इन्क्वायरी पर स्कोर -5 अंक।
- उदाहरण: 4 बार अप्लाई करने पर स्कोर 670 → 650।
गलती 3: क्रेडिट लिमिट का 50%+ इस्तेमाल
- उदाहरण:
- क्रेडिट कार्ड लिमिट = ₹1 लाख
- आपका महीने का खर्च = ₹70,000
- यूटिलाइजेशन रेश्यो = 70% → स्कोर गिरेगा।
- सॉल्यूशन: खर्च ₹30,000 तक सीमित रखें या लिमिट बढ़वाएं।
5. 600 से 750 CIBIL स्कोर बढ़ाने के 5 आसान स्टेप्स
स्टेप 1: सभी EMI/क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरें (No Delay!)
- कैसे करें?
- फोन में रिमाइंडर सेट करें।
- ऑटो-पेमेंट (ECS) ऑन करें।
- असर: 6 महीने में स्कोर +50 अंक।
स्टेप 2: क्रेडिट यूटिलाइजेशन 30% से कम रखें
- ट्रिक:
- अगर लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 से ज्यादा न खर्च करें।
- अगर ज्यादा खर्च हो गया, तो बिल ड्यू डेट से पहले कुछ पैसे जमा कर दें।
- उदाहरण:
- यूटिलाइजेशन 70% → 30% करने पर स्कोर 600 → 650।
स्टेप 3: सेक्योर्ड क्रेडिट कार्ड/लोन लें (FD-Backed)
- कैसे मदद करता है?
- FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) को सिक्योरिटी देकर क्रेडिट कार्ड मिलता है → बिना CIBIL चेक के।
- उदाहरण: SBI Unnati क्रेडिट कार्ड।
- फायदा: EMI समय पर भरने से CIBIL स्कोर सुधरता है।
SBI Unnati क्रेडिट कार्ड के बारे में और ज्यादा जानने के लिए आप इस पेज पर जा सकते हैं |
स्टेप 4: पुराने क्रेडिट कार्ड बंद न करें
- क्यों?
- पुराने कार्ड से क्रेडिट हिस्ट्री लंबी होती है → स्कोर बेहतर।
- कार्ड बंद करने पर क्रेडिट यूटिलाइजेशन बढ़ सकता है।
- टिप: सालाना फीस न हो, तो कार्ड को इनेक्टिव रखें, लेकिन बंद न करें।
स्टेप 5: हर 3 महीने में CIBIL रिपोर्ट चेक करें
- कैसे चेक करें?
- CIBIL की ऑफिशियल वेबसाइट (₹550/रिपोर्ट)।
- फ्री ऐप्स: OneScore, CRIF High Mark।
- क्या देखें?
- गलत लोन/क्रेडिट कार्ड डिटेल्स (डिस्प्यूट करें)।
- पेमेंट हिस्ट्री में कोई मिस्टेक तो नहीं।
6. निष्कर्ष: 6-12 महीने में स्कोर सुधारें
CIBIL स्कोर सुधारने के लिए सब्र और अनुशासन ज़रूरी है। प्रिया ने इन 5 स्टेप्स को 8 महीने तक फॉलो किया:
- शुरुआत: स्कोर 620 (लोन रिजेक्ट हुआ)।
- क्या किया:
- क्रेडिट कार्ड बिल ऑटो-पेमेंट सेट किए।
- FD-Backed क्रेडिट कार्ड लिया।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन 25% रखा।
- रिजल्ट: 8 महीने बाद स्कोर 760 → होम लोन मिल गया!
याद रखें:
- CIBIL स्कोर रातोंरात नहीं बढ़ता।
- छोटी-छोटी गलतियों से बचें (जैसे लेट पेमेंट, ज्यादा इन्क्वायरी)।
- नियमित रूप से रिपोर्ट चेक करें और सुधार करते रहें।
7. अक्सर पूछे गए सवाल (FAQs)
Q1. CIBIL स्कोर सुधरने में कितना समय लगता है?
- जवाब: अगर आपने गंभीर गलतियाँ (जैसे लोन डिफॉल्ट) की हैं, तो 2-3 साल लग सकते हैं। वरना, 6-12 महीने में 100+ अंक सुधार संभव है।
Q2. क्या पुराने लोन चुकाने से स्कोर बढ़ता है?
- जवाब: हां, लेकिन रिपोर्ट में यह “सेटल्ड” (समझौता) दिखेगा, जो “क्लोज्ड” (पूरा चुकाया) से कम अच्छा है। बेहतर है लोन पूरा चुकाएं।
Q3. क्रेडिट कार्ड नहीं है तो स्कोर कैसे बनाएं?
- जवाब:
- FD-Backed क्रेडिट कार्ड लें (जैसे SBI Unnati)।
- छोटा पर्सनल लोन लेकर EMI भरें।
- सेक्योर्ड लोन (जैसे गोल्ड लोन) लें।